रैडी-टू-मूव घरों की आसान उपलब्धता और कम ब्याज दरों पर लोन की उपलब्धता ने घर की खरीदारी को बेहद किफायती बना दिया है। लोग आसानी से अपने घर के लिए बैंक या वित्तीय संस्थानों से लोन लेकर अपने सपनों के घर को अपना बना सकते हैं। हालांकि बैंक संपत्ति मूल्य का केवल 90% तक होम लोन के रूप में जारी करते हैं और शेष 10%, के साथ लेनदेन में शामिल अतिरिक्त खर्चों को खरीदार द्वारा वहन किया जाता है। किन्तु अगर आपके पास इस 10% का वहन करने के लिए पर्याप्त धनराशि नहीं है, तो आपको यह डाउन पेमेंट करने के लिए अन्य विकल्पों पर विचार करने की आवश्यकता हो सकती है।
इस मौके पर, एक खरीदार अक्सर डाउन पेमेंट के लिए पैसे जमा करने हेतु कुछ और वर्षों तक की प्रतीक्षा करने के बजाय पर्सनल लोन के लिए आवेदन करने पर विचार करता है वैसे भी मकान के डाउन पेमेंट के लिए
पर्सनल लोन का विकल्प काफी उचित इसलिए भी है, क्योंकि यह आसानी से कुछ ही घंटो के भीतर मिल जाता है। मगर घर की डाउन पेमेंट के लिए पर्सनल लोन लेने से पहले कुछ बातों को ध्यान में रखना जरूरी है।
पर्सनल लोन की ब्याज़ दरें
चूंकि पर्सनल लोन असुरक्षित लोन होता हैं। इसलिए होम लोन की तुलना में इस पर थोड़ा अधिक ब्याज देना पड़ता है। इसलिए मकान के डाउन पेमेंट के लिए पर्सनल लोन का विकल्प चुनने से पहले विचार करना न भूलें।
“पर्सनल लोन लेने का सुझाव केवल तभी दिया जाता है, जब खरीदार के पास कोई अन्य विकल्प न हो। क्योंकि ये अपनी उच्च ब्याज दरों और कम चुकौती अवधि के साथ खरीदारों पर वित्तीय बोझ बढ़ा सकते हैं। पर्सनल लोन पर कम ब्याज तभी संभव है, जब किसी के पास अच्छा क्रेडिट स्कोर और स्थिर आय हो। इसलिए, एक अच्छा क्रेडिट स्कोर बनाए रखें, अगर पर्सनल लोन ही आपका एकमात्र विकल्प है।
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अगर कोई व्यक्ति घर की डाउन पेमेंट के लिए पर्सनल लोन का विकल्प चुनता है, तो इससे उस व्यक्ति की साख पर असर पड़ता है। पर्सनल लोन लेने से आपकी होम लोन राशि पर भी प्रभाव पड़ेगा। इसे एक उदाहरण से समझने की कोशिश करते हैः-
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पर्सनल लोन प्लस होम लोन ईएमआई गणना
मान लीजिए आपने 50 लाख रुपये का घर चुना है। आपके अच्छे क्रेडिट स्कोर के कारण वित्तीय संस्थान आपको 45 लाख रुपये (संपत्ति मूल्य का 90%) का होम लोन देने को तैयार है और आपने अपने पिछले सभी क्रेडिट कार्ड लोनो को समय पर चुका दिया है। संस्थान आपको थोड़ी रियायत देने को भी तैयार है, क्योंकि आप एक पुराने ग्राहक हैं।
- 20 साल के कार्यकाल के लिए ईएमआई, 8% की ब्याज दर पर, 41,822 रुपये है।
- डाउन पेमेंट और स्टांप ड्यूटी और पंजीकरण शुल्क के लिए अब आपको 8 लाख रुपये चाहिए। इसके लिए आप पर्सनल लोन लें।
- पांच साल के कार्यकाल के लिए 11% की ब्याज दर पर, ईएमआई 17,394 रुपये है।
- इसका मतलब है कि एक महीने के लिए आपकी कुल ईएमआई 59,216 रुपये होगी।
59,216 रुपये की संयुक्त ईएमआई के साथ इन दो लोनो को स्वीकृत करने के लिए एक लोनदाता के लिए, आपकी मासिक आय लगभग 1.48 लाख रुपये होनी चाहिए (आपकी सभी ईएमआई का योग आपकी कुल मासिक आय के 40% से अधिक नहीं हो सकता)। इस स्थिति में यह ध्यान रखना जरूरी है कि दो लोन आपकी उधार लेने की क्षमता को पूरी तरह से सीमित कर देंगे। किसी भी गंभीर परिस्थिति के समय में, आप किसी भी अन्य लोन का लाभ उठाने में सक्षम नहीं हो पाएंगे।
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आयकर (आईटी) अधिनियम कुछ उद्देश्यों के लिए पर्सनल लोन पर कर कटौती की अनुमति देता है, जिसमें घर का नवीनीकरण या खरीद शामिल है। भारत में आयकर कानून की धारा 24 (बी) के तहत, खरीदार पर्सनल लोन के लिए भुगतान किए गए ब्याज पर कटौती का लाभ उठा सकते हैं, यदि पैसे का उपयोग घर खरीदने के लिए डाउन पेमेंट करने के लिए किया जा रहा है। यदि संपत्ति स्व-अधिकृत है, तो एक वर्ष में छूट की राशि 2 लाख रुपये तक सीमित है। यह तब भी लागू होती है जब आप इस पैसे का उपयोग अपनी संपत्ति के नवीनीकरण के लिए कर रहे हों। हालांकि, अगर संपत्ति किराए पर ली गई है, तो पूरी ब्याज राशि पर कटौती का दावा किया जा सकता है।
उम्मीद करते हैं कि आपको हमारे इस लेख के माध्यम से यह समझ पाने में आसानी हुई होगी कि मकान के डाउन-पेमेंट के लिए पर्सनल लोन लेना एक सही विकल्प है या नही। हालांकि यह एक व्यक्तिगत फैसला है, जिसे लेकर किसी पर भी दबाव नही डाला जा सकता है। किन्तु हम आपको यही सुझाव देंगे कि पर्सनल लोन आवेदन से पूर्व इन विकल्पों पर एक गौर आवश्यक करें। अगर आप पर्सनल लोन लेने का मन बना चुके हैं तो ऐसे संस्थान का चयन करें जहां आपको किफायती ब्याज दरों के साथ आसान पर्सनल लोन पात्रता मानदंड की सुविधा मिले।