प्रत्येक वर्ष कर जमा करने का समय नौकरीपेशा व्यक्ति के लिए किसी बड़ी चिंता से कम नही होता है। क्योंकि हर वर्ष आपको अपनी आय के मुताबिक एक निर्धारित मूल्य कर के रूप में सरकार को जमा करवाना होता है इसलिए अक्सर लोग इसी सवाल की खोज में रहते हैं कि
टैक्स कैसे बचाएं?
एक भारतीय करदाता होने के नाते, आपको अपने कर स्लैब और नौकरीपेशा कर्मचारियों के विभिन्न आयकर कटौती के बारे में पता होना चाहिए I इससे आपको यह पता लगाने में मदद मिलेगी कि नौकरीपेशा वर्ग के लिए कर बचत कैसे काम करती है। हालांकि यदि आपको उपयुक्त
टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट मिल जाती हैं, तो आप अपने देय आयकर को कम कर सकते हैं।
आइए इस लेख के माध्यम से जानते हैं कि नौकरीपेशा व्यक्ति भारत में इनकम टैक्स कैसे बचाएँ-
भारत में इनकम टैक्स कैसे बचाएँ?
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कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ)
कर्मचारी भविष्य निधि, जिसे ईपीएफ भी कहा जाता है, नौकरीपेशा लोगों के लिए सबसे लोकप्रिय कर बचत विकल्पों में से एक है। इसे कर्मचारी भविष्य निधि और विविध अधिनियम 1952 के तहत पेश किया गया था और इसका प्रबंधन सेन्ट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टी द्वारा किया जाता है।
इस योजना के तहत कर्मचारी और नियोक्ता दोनों कर्मचारी के वेतन का 12% ईपीएफ में योगदान करते हैं। उनके योगदान पर, कर्मचारियों को एक विशिष्ट दर पर ब्याज मिलता है। कर्मचारी के पीएफ खाते में जितनी भी राशि मौजूद है वह पूरी तरह कर-मुक्त होती है।
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लोक भविष्य निधि (पीपीएफ)
पब्लिक प्रोविडेंट फंड, जिसे पीपीएफ के नाम से जाना जाता है, नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए एक टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट है जो निवेश पर रिटर्न प्रदान करता है, जो कर मुक्त होता है। नौकरीपेशा लोगों के लिए सबसे अच्छे निवेश विकल्पों में से एक है, क्योंकि यह उन्हें सेवानिवृत्ति के लिए एक कोष बनाने और गारंटीकृत रिटर्न अर्जित करने की योजना बनाने में सक्षम बनाता है।
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इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम (ईएलएसएस)
यदि आप टैक्स सेव करना चाहते हैं और ऐसी टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट की तलाश कर रहे हैं जो नौकरीपेशा कर्मचारियों के लिए आयकर कटौती को सक्षम करती है, तो ईएलएसएस पर विचार जरूर करें। इक्विटी लिंक्ड सेविंग्स स्कीम या ईएलएसएस को नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए सबसे अच्छा टैक्स सेविंग विकल्प माना जाता है। टैक्स कटौती के लिए इसकी योग्यता इसे अन्य सभी म्यूचुअल फंड योजनाओं से अलग बनाती है।
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राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस)
राष्ट्रीय पेंशन योजना (एनपीएस) भारत में नौकरीपेशा लोगों के लिए दीर्घकालिक कर बचत विकल्पों में से एक है। यह एक निवेश योजना है जो पीएफआरडीए और केंद्र सरकार के दायरे में आती है। जो लोग जल्दी सेवानिवृत्ति की योजना बनाना चाहते हैं और कम जोखिम लेने की क्षमता रखते हैं, वे एनपीएस में निवेश करते हैं। इसके अलावा, यह नौकरीपेशा कर्मचारियों के लिए आयकर कटौती के साधन के रूप में भी कार्य करता है।
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टैक्स सेविंग (एफडी)
एक टैक्स सेविंग फिक्स्ड डिपॉजिट टैक्स सेविंग विकल्प के रूप में काफी लोकप्रिय है। यह एक प्रकार का फिक्स्ड डिपॉजिट है जिसकी मदद से नौकरीपेशा कर्मचारियों अपने पैसो को निवेश कर आयकर कटौती का लाभ उठा सकते हैं।
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जीवन बीमा
जीवन में अनिश्चितताएं लगी रहती हैं, ऐसे में जीवन बीमा की मदद से अपने प्रियजनों की वित्तीय सुरक्षा की योजना बनाना एक अच्छा निवेश माना जाता है। हालांकि जीवन बीमा योजना खरीदने का प्राथमिक उद्देश्य आपके परिवार की वित्तीय जरूरतों को सुरक्षित करना होता है, मगर आप ऐसे निवेशों पर कर लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं। वास्तव में, जीवन बीमा टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट विकल्पों में से सबसे अधिक लोकप्रिय है।
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मकान किराया भत्ता (एचआरए)
किराए के आवास में रहने वाले नौकरीपेशा कर्मचारी संबंधित नियमों के अनुसार कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं। एचआरए या हाउस रेंट अलाउंस (एचआरए), एक कर्मचारी के वेतन ढांचे का एक हिस्सा होता है, जो कि पूरी तरह से कर मुक्त होता है। इससे नौकरीपेशा कर्मचारी आयकर में कटौती का लाभ प्राप्त कर सकते हैं। नौकरीपेशा व्यक्तियों के लिए एचआरए कर बचत विकल्पों में से एक है। जिसे आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 10 (13 ए) के तहत छूट दी गई है। कर योग्य आय की गणना कुल आय में से एचआरए घटाकर ही की जाती है। आपको यह भी बता दें कि यदि आप अपने घर में रहते हैं और कोई किराया नहीं देते हैं तो नियोक्ताओं से प्राप्त एचआरए पूरी तरह से कर योग्य होता है।
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अवकाश यात्रा रियायत (एलटीसी)
छुट्टी यात्रा रियायत या एलटीसी, एक छूट है जो नौकरीपेशा कर्मचारियों को उनके नियोक्ता से यात्रा करने के लिए मिलती है। नौकरीपेशा कर्मचारियों एलटीसी के तहत कर बचा सकते हैं। किन्तु एलटीसी छूट का दावा करने से संबंधित कुछ नियम है, जो आपके लिए जानने बेहद जरूरी हैं।
- टैक्स में छूट पाने के लिए कर्मचारियों को सच में यात्रा पर जाना होगा।
- एलटीसी छूट के तहत केवल घरेलू यात्रा खर्च पर विचार किया जाता है।
- एलटीसी के तहत केवल बस या रेल का किराया दिया जाता है, स्थानीय दर्शनीय स्थलों की यात्रा जैसे विविध खर्चों पर किसी प्रकार की छूट नही होती।
- आपको यह भी पता होना चाहिए कि एलटीसी को आयकर अधिनियम की धारा 10(5) के तहत हर साल कर-मुक्त आय के रूप में नहीं माना जा सकता है।
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सेवानिवृत्ति लाभ (ग्रेच्युटी)
नौकरीपेशा कर्मचारियों के लिए टैक्स बचाने के लिए ग्रेच्युटी भी एक टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट
विकल्प है। यह या तो सेवानिवृत्ति, इस्तीफे, या किसी कर्मचारी की मृत्यु या विकलांगता पर दिया जाता है। इसमे एक और शर्त यह रहती है कि कर्मचारी को नियोक्ता के साथ कम से कम पांच साल की सेवा पूरी करनी पड़ती है। इनमें से किसी भी घटना पर प्राप्त ग्रेच्युटी राशि कर-मुक्त है।
उम्मीद करते हैं कि इस लेख में दी गई जानकारी से आपको पता चल गया होगा कि टैक्स कैसे बचाएं। इन टैक्स सेविंग इन्वेस्टमेंट विकल्पों को अपनाकर आसानी से अपना काफी कर बचा सकते हैं। यदि आपको निवेश के मामले में अधिक जानकारी नही है तो आप किसी चार्टड अकाउंटेंट से संपर्क कर सकते हैं। वह आपको कर संबंधी पर्याप्त जानकारी मुहैय्या करवाएगा और साथ ही निवेश के विभिन्न विकल्प भी सुझाएगा।